


नीम करोली बाबा के उत्तराखंड के नैनीताल स्थित आश्रम कैंची धाम में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और बाबा के दर्शन करते हैं। यहां हनुमानजी की भी पूजा होती है। स्थानीय लोग नीम करोली बाबा को हनुमानजी का ही अवतार मानते हैं।
नीम करोली बाबा के कुछ अद्भुत चमत्कार
चिमटा जमीन में गाड़ा तो थम गई ट्रेन
नीम करोली बाबा के कुछ प्रमुख चमत्कार अक्सर लोगों के मुंह से सुने जाते हैं। बताया जाता है कि बाबा के चमत्कारों के आगे लोग नतमस्तक हो जाते थे। ऐसे ही एक बार नीमकरोली बाबा ट्रेन में बेटिकट यात्रा कर रहे थे। कहा जाता है कि टिकट चेकर ने उन्हें नीम करोली स्टेशन पर उतार दिया। तब बाबा स्टेशन के पास बैठ गए और उन्होंने अपना चिमटा जमीन में गाड़ दिया। इसके बाद ट्रेन तमाम कोशिशों के बाद भी आगे नहीं बढ़ी। बाबा की महिमा से परिचित स्थानीय मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों से बाबा से माफी मांगने को कहा। बाबा ने शर्त रखी कि उस जगह पर एक रेलवे स्टेशन बनाया जाए ताकि स्थानीय लोगों को सुविधा हो। माफी मांगने और बाबा के ट्रेन में चढ़ने के बाद ट्रेन तुरंत चल पड़ी। इसके बाद उस स्टेशन का नाम नीम करोली रखा गया।
नीम करोली बाबा ने भंडारा नहीं रुकने दिया
इसी तरह कहा जाता है कि एक अन्य चमत्कार के बारे में बताया जाता है कि कैंची धाम में एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी हो गई। बाबा ने अपने भक्तों से पास की नदी से पानी लाने को कहा। जब भक्तों ने उस पानी को खाने में डाला तो वह चमत्कारिक रूप से घी में बदल गया और भंडारा सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
नीम करोली बाबा के बुलेट प्रूफ कंबल की कहानी
बाबा का एक और चमत्कार लोकप्रिय है। बताया जाता है कि फतेहगढ़ के एक बुजुर्ग दंपति के घर बाबा रुके थे। तब उनका बेटा सेना में था और युद्ध में जापानी सैनिकों से घिरा हुआ था। बाबा ने उस रात उनके घर में एक कंबल ओढ़कर सोए। उसी रात उनके बेटे ने देखा कि एक कंबल उसे गोलियों से बचा रहा है और वह सुरक्षित बच गया। बाद में दंपती ने इसे बाबा का चमत्कार माना।